preety@spreety79friendsadd preetyएक वक़्फ़ा है ज़िन्दगी-भर का ज़ख़्म के और इंदिमाल के बीच का I wake up & miss you. Still. Always. Forever. मैं फ़िज़ाओं में बिखर जाऊँगा ख़ुशबू बन कर रंग होगा ना बदन होगा ना चेहरा होगा.. Am I a body, a mind, a soul or something else or nothing?