कवि नहीं हूँ कवि जैसा हूँ. सबसे पहले तो पाठक हूँ. यायावर बिल्कुल नहीं हूँ. पता नहीं कि मैं जीवन को जी रहा हूँ या जीवन मुझे.
इधर-उधर प्रकाशित होता रहता हूँ. बोलता बहुत कम हूँ लेकिन बोलूँगा तो खरा-खरा ही बोलूँगा.
फोन और व्हाट्सऐप सबके लिए खुला है.
6377410373