Faiz Khalilabadi
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Poet ------------------ Award. ------------------ Adabi Dahleez 2017 Dr. Sayed Khwaja M. younus Memorial Award 2019 twitter@khan01048686 insta. faiz.khalilabadi_7604 Find me, @rekhta ,Urdu literature.com Poetistic.com Darasal ,urdu point India तू दिल नशीं है वफादार है ज़हीन भी है मगर मैं और किसी को ज़बान दे चुका हूं تو دلنشیں ہے وفادار ہے زہین بھی ہے مگر میں اور کسی کو زبان دے چکا ہوں ---------------------------------- करना पड़ता है अंधेरों के बदन में सूराख़ रौशनी इतनी सहूलत से नहीं मिलती है کرنا پڑتا ہے اندھیروں کے بدن میں سوراخ روشنی اتنی سہولت سے نہیں ملتی ہے ---------------------------------- मुझको तलवार उठाने की ज़रूरत ही नहीं मेरा दुश्मन मिरी मुस्कान से घबराता है مجھ کو تلوار اٹھانے کی ضرورت ہی نہیں میرا دشمن مری مسکان سے گھبراتا ہے फ़ैज़ ख़लीलाबादी فیض خلیل آبادی